Saturday, 10 September 2022

हमने तुम्हे इजाजत नहीं दी तुम्हारी हथेली पर और तुमने इसे मेहँदी से बदल दिया, अरे धड़कने ही छीननी थी तो दिल क्यों दिया

No comments:

Post a Comment

हमने तुम्हे इजाजत नहीं दी तुम्हारी हथेली पर और तुमने इसे मेहँदी से बदल दिया, अरे धड़कने ही छीननी थी तो दिल क्यों दिया